हैं इसी में प्यार की आबरू
वो जफ़ा करें में वफा करून
जो वफा भी न काम आ सके
तो वही कहें की मैं क्या करून
मुझे गम भी उनका अज़ीज़ हैं
के उन्ही की दी हुई चीज़ हैं
वही गम हैं अब मेरी ज़िन्दगी
उसे कैसे दिल से जुदा करून
जो न बन सके मैं वोह बात हूँ
जो न खतम हो मैं रात हूँ
लिखा हैं मेरे नसीब में
युहीं क्षमा बन के जला करून
न किसी के दिल की हूँ आरज़ू
न किसी नज़र की हूँ जुस्ताजून
मैं वोह फूल हूँ जो उदास हूँ
न बहार आये तो क्या कर्रों
वो जफ़ा करें में वफा करून
जो वफा भी न काम आ सके
तो वही कहें की मैं क्या करून
मुझे गम भी उनका अज़ीज़ हैं
के उन्ही की दी हुई चीज़ हैं
वही गम हैं अब मेरी ज़िन्दगी
उसे कैसे दिल से जुदा करून
जो न बन सके मैं वोह बात हूँ
जो न खतम हो मैं रात हूँ
लिखा हैं मेरे नसीब में
युहीं क्षमा बन के जला करून
न किसी के दिल की हूँ आरज़ू
न किसी नज़र की हूँ जुस्ताजून
मैं वोह फूल हूँ जो उदास हूँ
न बहार आये तो क्या कर्रों
hain isi mein pyaar ki aabroo Lyrics
Hain isi men pyaar ki abaru Wo jafa karen men wafa karun Jo wafa bhi n kaam a sake To wahi kahen ki main kya karun Mujhe gam bhi unaka aziz hain Ke unhi ki di hui chiz hain Wahi gam hain ab meri zindagi Use kaise dil se juda karun Jo n ban sake main woh baat hun Jo n khatam ho main raat hun Likha hain mere nasib men Yuhin kshama ban ke jala karun N kisi ke dil ki hun arazu N kisi nazar ki hun justaajun Main woh ful hun jo udaas hun N bahaar aye to kya karron