श्री दत्तात्रेययांची आरती | Shri Dattatreyanchi Aarti | Shri Swami Samarth | NityaSeva
Lyrics Name Details
Shri Dattatreyanchi Aarti | Shri Swami Samarth | NityaSeva
जय देव जय देव जय श्री गुरुदत्ता ।
आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥ धृ ॥
त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा।
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्यराणा ।
नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥
सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥ १ ॥
सबाह्य अभ्यंतरी तू एक दत्त ।
अभाग्यासी कैची कळेल ही मात ॥
पराही परतली तेथे कैचा हा हेत ।
जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत ॥ २ ॥
दत्त येऊनिया ऊभा ठाकला ।
भावे साष्टांगे प्रणिपात केला ॥
प्रसन्न होऊनि आशीर्वाद दिधला ।
जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला ॥ ३ ॥
दत्त दत्त ऐसें लागले ध्यान ।
हरपले मन झाले उन्मन ॥
मी तू पणाची झाली बोळवण ।
एका जनार्दनी श्रीदत्तध्यान ॥ ४ ॥
Kevhatari Pahate Ultoon Raat Geli Lyrics In English
Kevha Tari Pahaate Ulatun Raat Geli
Mitale Chukun Dole Harawun Raat Geli
Saangu Tari Kase Mi, Way Kowale Unhaache
Usawun Shwaas Maajha Fasawun Raat Geli
Kalale Mala N Kevha Sutali Mithhi Jaraashi
Kalale Mala N Kevha Nisatun Raat Geli
Urale Uraat Kaahi Awaaj Chaandanyaanche
Akaash Taarakaanche Uchalun Raat Geli
Smaralya Mala N Tewha Maajhyaach Gitapnkti
Mag ol Shewataachi Suchawun Raat Geli
जय देव जय देव जय श्री गुरुदत्ता ।
आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ॥ धृ ॥
त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा।
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्यराणा ।
नेती नेती शब्द न ये अनुमाना ॥
सुरवर मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना ॥ १ ॥
सबाह्य अभ्यंतरी तू एक दत्त ।
अभाग्यासी कैची कळेल ही मात ॥
पराही परतली तेथे कैचा हा हेत ।
जन्ममरणाचाही पुरलासे अंत ॥ २ ॥
दत्त येऊनिया ऊभा ठाकला ।
भावे साष्टांगे प्रणिपात केला ॥
प्रसन्न होऊनि आशीर्वाद दिधला ।
जन्ममरणाचा फेरा चुकवीला ॥ ३ ॥
दत्त दत्त ऐसें लागले ध्यान ।
हरपले मन झाले उन्मन ॥
मी तू पणाची झाली बोळवण ।
एका जनार्दनी श्रीदत्तध्यान ॥ ४ ॥
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